भारत-यूएस ट्रेड डील पर आया केन्द्र सरकार का बयान, बताया कब तक हो जाएंगे व्यापार पर समझौते
India-US Trade Talks: अमेरिका द्वारा भारत पर ज्यादा टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच फिर से बातचीत शुरू हुई है. भारत और अमेरिका ने मिलकर तय किया है कि एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौता (बीटीए) जल्द पूरा किया जाएगा. भारतीय प्रतिनिधिमंडल, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में अमेरिका गया था और तीन दिन की बातचीत के बाद लौटा है. इस दौरान दोनों पक्षों ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और आगे बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई. भारत ने अमेरिका से 25 प्रतिशत अतिरिक्त पैनाल्टी के रुप में लगाए गए टैरिफ हटाने की मांग की है, क्योंकि यह समझौते में बाधा डाल सकता है. अमेरिका की ओर से दवाओं पर 100% टैरिफ भारत के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर सकती है, जबकि अमेरिका की दवाओं की सप्लाई में भारतीय कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है. फिर भी बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई है और इसे चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा. लक्ष्य है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 191 अरब डॉलर से बढ़कर 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाए. भारतीय डेलिगेशन ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और उद्योगपतियों से भी मुलाकात की, जिन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि पर भरोसा जताया और कारोबार बढ़ाने की इच्छा दिखाई. जल्द भारत-यूएस बातचीत वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने समझौते की रूपरेखा पर विचार साझा किए. इस दौरान पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द अंजाम तक पहुंचाने के लिए वार्ता जारी रखने का फैसला किया गया.’’ यात्रा के दौरान गोयल ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जेमीसन ग्रीर और भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की. ये वार्ताएं अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की पृष्ठभूमि में हुई हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि भारत ने अमेरिका से इस पैनाल्टी के रूप में लगाए गए टैरिफ को हटाने की मांग की है, क्योंकि यह व्यापार समझौते के रास्ते में महत्वपूर्ण होगा. अधिकारी ने ये भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ब्रांडेड दवाओं पर एक अक्टूबर से 100% आयात शुल्क लगाने की घोषणा भारतीय निर्यात को प्रभावित कर सकती है. इसकी वजह यह है कि अमेरिका को दवाओं की आपूर्ति में भारतीय कंपनियों की बहुत बड़ी हिस्सेदारी है. फार्मा पर टैरिफ ने बढ़ाई चिंता वर्ष 2022 में अमेरिका में लिखी गई हर 10 में से चार दवा पर्चियां भारत से सप्लाई की गई दवाओं से पूरी हुई थीं. इन गतिरोधों के बावजूद व्यापार वार्ता पटरी पर है. अधिकारी ने कहा कि समझौते को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा. समझौते का पहला चरण इस साल अक्तूबर-नवंबर तक पूरा करने की योजना है. अब तक पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं. लक्ष्य वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है. दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने फरवरी, 2025 में ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया था. भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद व्यापार वार्ता अगस्त के अंत में स्थगित हो गई थी. लेकिन सितंबर के मध्य में अमेरिकी दल के भारत आने के बाद यह सिलसिला फिर से शुरू हुआ.

India-US Trade Talks: अमेरिका द्वारा भारत पर ज्यादा टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच फिर से बातचीत शुरू हुई है. भारत और अमेरिका ने मिलकर तय किया है कि एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौता (बीटीए) जल्द पूरा किया जाएगा. भारतीय प्रतिनिधिमंडल, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में अमेरिका गया था और तीन दिन की बातचीत के बाद लौटा है. इस दौरान दोनों पक्षों ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और आगे बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई.
भारत ने अमेरिका से 25 प्रतिशत अतिरिक्त पैनाल्टी के रुप में लगाए गए टैरिफ हटाने की मांग की है, क्योंकि यह समझौते में बाधा डाल सकता है. अमेरिका की ओर से दवाओं पर 100% टैरिफ भारत के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर सकती है, जबकि अमेरिका की दवाओं की सप्लाई में भारतीय कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है. फिर भी बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई है और इसे चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा. लक्ष्य है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 191 अरब डॉलर से बढ़कर 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाए. भारतीय डेलिगेशन ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और उद्योगपतियों से भी मुलाकात की, जिन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि पर भरोसा जताया और कारोबार बढ़ाने की इच्छा दिखाई.
जल्द भारत-यूएस बातचीत
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने समझौते की रूपरेखा पर विचार साझा किए. इस दौरान पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द अंजाम तक पहुंचाने के लिए वार्ता जारी रखने का फैसला किया गया.’’ यात्रा के दौरान गोयल ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जेमीसन ग्रीर और भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की. ये वार्ताएं अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की पृष्ठभूमि में हुई हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि भारत ने अमेरिका से इस पैनाल्टी के रूप में लगाए गए टैरिफ को हटाने की मांग की है, क्योंकि यह व्यापार समझौते के रास्ते में महत्वपूर्ण होगा. अधिकारी ने ये भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ब्रांडेड दवाओं पर एक अक्टूबर से 100% आयात शुल्क लगाने की घोषणा भारतीय निर्यात को प्रभावित कर सकती है. इसकी वजह यह है कि अमेरिका को दवाओं की आपूर्ति में भारतीय कंपनियों की बहुत बड़ी हिस्सेदारी है.
फार्मा पर टैरिफ ने बढ़ाई चिंता
वर्ष 2022 में अमेरिका में लिखी गई हर 10 में से चार दवा पर्चियां भारत से सप्लाई की गई दवाओं से पूरी हुई थीं. इन गतिरोधों के बावजूद व्यापार वार्ता पटरी पर है. अधिकारी ने कहा कि समझौते को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा. समझौते का पहला चरण इस साल अक्तूबर-नवंबर तक पूरा करने की योजना है. अब तक पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं. लक्ष्य वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है.
दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने फरवरी, 2025 में ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया था. भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद व्यापार वार्ता अगस्त के अंत में स्थगित हो गई थी. लेकिन सितंबर के मध्य में अमेरिकी दल के भारत आने के बाद यह सिलसिला फिर से शुरू हुआ.
What's Your Reaction?






