यूएस टैरिफ के कहर से डॉलर के सामने धराशायी हुआ रुपया, अब RBI के फैसले पर टिकी नजर

Rupee vs Dollar: अमेरिकी टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंताओं और भारतीय बाजार से विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के चलते सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया. सप्ताह के पहले दिन शुरुआती कारोबार में रुपया 11 पैसे टूटकर 87.29 प्रति डॉलर पर आ गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर के कमजोर रुख और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने रुपये को कुछ हद तक समर्थन जरूर दिया. लेकिन इसके बावजूद, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में 87.21 पर खुला, जो एक दिन पहले के बंद भाव की तुलना में 11 पैसे कमजोर रहा. रुपये में गिरावट के प्रमुख कारण अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता: अमेरिका द्वारा आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने की आशंका से वैश्विक निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है, जिससे उभरते बाजारों की करेंसी पर दबाव बढ़ा है. एफआईआई की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को ₹3,366.40 करोड़ के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की, जिससे घरेलू मुद्रा पर असर पड़ा. डॉलर की मांग में इज़ाफा: इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में डॉलर की मांग बनी रही, जिससे रुपया कमजोर हुआ. कुछ सहायक कारक डॉलर इंडेक्स में गिरावट: प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.40% की गिरावट के साथ 98.74 पर आ गया. कच्चे तेल की कीमतों में नरमी: ब्रेंट क्रूड इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार 0.26% गिरकर $69.49 प्रति बैरल पर आ गया, जिससे भारत जैसे तेल आयातक देश को राहत मिल सकती है. घरेलू शेयर बाजार में तेजी: बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 262.90 अंक चढ़कर 80,861.80 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 50 98.50 अंक की बढ़त के साथ 24,663.85 पर रहा. नजर अब RBI के फैसले पर रुपये में स्थिरता लाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए बाजार अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की अगली मौद्रिक नीति पर निगाहें टिकाए हुए है. यदि आरबीआई कोई बड़ा हस्तक्षेप करता है या दरों में बदलाव करता है, तो इसका सीधा असर रुपये की दिशा पर पड़ेगा.

Aug 4, 2025 - 11:59
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यूएस टैरिफ के कहर से डॉलर के सामने धराशायी हुआ रुपया, अब RBI के फैसले पर टिकी नजर

Rupee vs Dollar: अमेरिकी टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंताओं और भारतीय बाजार से विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के चलते सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया. सप्ताह के पहले दिन शुरुआती कारोबार में रुपया 11 पैसे टूटकर 87.29 प्रति डॉलर पर आ गया.

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर के कमजोर रुख और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने रुपये को कुछ हद तक समर्थन जरूर दिया. लेकिन इसके बावजूद, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में 87.21 पर खुला, जो एक दिन पहले के बंद भाव की तुलना में 11 पैसे कमजोर रहा.

रुपये में गिरावट के प्रमुख कारण

अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता: अमेरिका द्वारा आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने की आशंका से वैश्विक निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है, जिससे उभरते बाजारों की करेंसी पर दबाव बढ़ा है.

एफआईआई की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को ₹3,366.40 करोड़ के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की, जिससे घरेलू मुद्रा पर असर पड़ा.

डॉलर की मांग में इज़ाफा: इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में डॉलर की मांग बनी रही, जिससे रुपया कमजोर हुआ.

कुछ सहायक कारक

डॉलर इंडेक्स में गिरावट: प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.40% की गिरावट के साथ 98.74 पर आ गया.

कच्चे तेल की कीमतों में नरमी: ब्रेंट क्रूड इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार 0.26% गिरकर $69.49 प्रति बैरल पर आ गया, जिससे भारत जैसे तेल आयातक देश को राहत मिल सकती है.

घरेलू शेयर बाजार में तेजी: बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 262.90 अंक चढ़कर 80,861.80 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 50 98.50 अंक की बढ़त के साथ 24,663.85 पर रहा.

नजर अब RBI के फैसले पर

रुपये में स्थिरता लाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए बाजार अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की अगली मौद्रिक नीति पर निगाहें टिकाए हुए है. यदि आरबीआई कोई बड़ा हस्तक्षेप करता है या दरों में बदलाव करता है, तो इसका सीधा असर रुपये की दिशा पर पड़ेगा.

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