पाकिस्तान के बाद अब IMF के सामने कटोरा लेकर खड़ा हुआ ये देश, यहां भारत के खिलाफ खूब होती है बयानबाजी
IMF: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने आर्थिक मदद के लिए झोली फैलाई थी. अब इस कतार में भारत का एक और पड़ोसी देश शामिल हो गया है. हम यहां बांग्लादेश की बात कर रहे हैं. खुद आईएमएफ की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 762 मिलियन डॉलर (करीब 6.360 करोड़ रुपये) का लोन मांग रहा है. अब तक दी जा चुकी है इतनी मदद IMF ने बुधवार को बताया कि बांग्लादेश अपने यहां मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए 762 मिलियन डॉलर का कर्ज मांग रहा है. बता दें कि आईएमएफ ने साल 2023 में बांग्लादेश के लिए 4.7 बिलियन डॉलर के लोन को मंजूरी दी थी. अब तक तीन किश्तों में 2.3 बिलियन डॉलर की मदद दी जा चुकी है. अब दी जाने वाली वित्तीय सहायता के बाद बांग्लादेश को IMF की तरफ से मिलने वाला कुल पैकेज 4.1 अरब डॉलर (करीब 35,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अहसान एच मंसूर ने बुधवार को आईएमएफ की शर्तों का पालन करने के लिए तत्काल प्रभाव से प्रबंधित फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट अपनाने का भी ऐलान किया. बांग्लादेश सरकार और IMF के बीच हुआ एग्रीमेंट बता दें कि बांग्लादेश की सरकार और IMF के बीच एक स्टाफ लेवल एग्रीमेंट हुआ है. यह समझौता Extended Credit Facility (ECF), Extended Fund Facility (EFF) और Resilience and Sustainability Facility (RSF) इन तीन योजनाओं के तहत हुआ है. हालांकि, इस पर अभी IMF के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी मिलना अभी बाकी है. अगर मंजूरी मिल जाती है, तो बांग्लादेश को 1.3 अरब डॉलर की अगली किश्त मिलने की उम्मीद है. इसमें से 874 मिलियन डॉलर ECF और EFF स्कीम्स के तहत और 448 मिलियन डॉलर RSF स्कीम से मिलेंगे. बांग्लादेश को माननी होगी ये शर्तें हालांकि, इसके लिए बांग्लादेश को भी IMF की शर्तें माननी होगी जैसे कि टैक्स में, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार करना,बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक को और सशक्त बनाना और फॉरेन एक्सचेंज रेट को पूरी तरह से बाजार आधारित बनाना. गौरतलब है कि पाकिस्तान की ही तरह बांग्लादेश की भी अर्थव्यवस्था इस वक्त मुश्किल दौर से गुजर रही है. बाहरी कर्ज बढ़ रहा. देश के भीतर आर्थिक और राजनीतिक हालात अस्थिर बने हुए हैं. यही वजह है कि वित्त वर्ष 2025 के पहली छमाही में विकास दर घटकर 3.3 परसेंट रह गया है. यहां महंगाई भी बढ़कर अब 8.5 परसेंट के करीब पहुंच गया है. ये भी पढ़ें: पाकिस्तान के दोस्त के भरोसे दिल्ली-मुंबई जैसे भारत के कई बड़े एयरपोर्ट्स की सुरक्षा, जानें क्या है पूरा मामला?

IMF: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने आर्थिक मदद के लिए झोली फैलाई थी. अब इस कतार में भारत का एक और पड़ोसी देश शामिल हो गया है. हम यहां बांग्लादेश की बात कर रहे हैं. खुद आईएमएफ की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 762 मिलियन डॉलर (करीब 6.360 करोड़ रुपये) का लोन मांग रहा है.
अब तक दी जा चुकी है इतनी मदद
IMF ने बुधवार को बताया कि बांग्लादेश अपने यहां मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए 762 मिलियन डॉलर का कर्ज मांग रहा है. बता दें कि आईएमएफ ने साल 2023 में बांग्लादेश के लिए 4.7 बिलियन डॉलर के लोन को मंजूरी दी थी. अब तक तीन किश्तों में 2.3 बिलियन डॉलर की मदद दी जा चुकी है.
अब दी जाने वाली वित्तीय सहायता के बाद बांग्लादेश को IMF की तरफ से मिलने वाला कुल पैकेज 4.1 अरब डॉलर (करीब 35,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अहसान एच मंसूर ने बुधवार को आईएमएफ की शर्तों का पालन करने के लिए तत्काल प्रभाव से प्रबंधित फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट अपनाने का भी ऐलान किया.
बांग्लादेश सरकार और IMF के बीच हुआ एग्रीमेंट
बता दें कि बांग्लादेश की सरकार और IMF के बीच एक स्टाफ लेवल एग्रीमेंट हुआ है. यह समझौता Extended Credit Facility (ECF), Extended Fund Facility (EFF) और Resilience and Sustainability Facility (RSF) इन तीन योजनाओं के तहत हुआ है.
हालांकि, इस पर अभी IMF के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी मिलना अभी बाकी है. अगर मंजूरी मिल जाती है, तो बांग्लादेश को 1.3 अरब डॉलर की अगली किश्त मिलने की उम्मीद है. इसमें से 874 मिलियन डॉलर ECF और EFF स्कीम्स के तहत और 448 मिलियन डॉलर RSF स्कीम से मिलेंगे.
बांग्लादेश को माननी होगी ये शर्तें
हालांकि, इसके लिए बांग्लादेश को भी IMF की शर्तें माननी होगी जैसे कि टैक्स में, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार करना,बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक को और सशक्त बनाना और फॉरेन एक्सचेंज रेट को पूरी तरह से बाजार आधारित बनाना.
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ही तरह बांग्लादेश की भी अर्थव्यवस्था इस वक्त मुश्किल दौर से गुजर रही है. बाहरी कर्ज बढ़ रहा. देश के भीतर आर्थिक और राजनीतिक हालात अस्थिर बने हुए हैं. यही वजह है कि वित्त वर्ष 2025 के पहली छमाही में विकास दर घटकर 3.3 परसेंट रह गया है. यहां महंगाई भी बढ़कर अब 8.5 परसेंट के करीब पहुंच गया है.
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