रूस से कच्चे तेल का आयात रोकने को भारत तैयार, लेकिन अमेरिका के सामने रखी ये बड़ी शर्त

Russian Crude Imports: भारत के ऊपर अमेरिका की तरफ से इस समय 50 प्रतिशत टैरिफ लगा हुआ है. इनमें से 25 प्रतिशत बेस टैरिफ के अलावा अतिरिक्त 25 प्रतिशत रूस से सस्ता तेल खरीदने की वजह से पेनाल्टी के तौर पर लगाया गया है. ऐसे में भारत ने अमेरिका से कहा है कि अगर वह ईरान और वेनेजुएला से तेल आयात करने की नई दिल्ली को इजाजत दे दे, तो भारत मॉस्को से तेल की खरीदारी बंद कर देगा. यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस ने सस्ते तेल का ऑफर करना शुरू किया. भारत अपनी जरूरतों का करीब 90 प्रतिशत तेल आयात करता है. ऐसे में रूस से सस्ते दाम पर तेल की खरीद ने भारत को काफी हद तक आयात बिल कम करने में मदद की है. भारत की यूएस के सामने शर्त हालांकि, भारत को इसी तरह का सस्ता तेल ईरान और वेनेजुएला से भी मिल सकता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते अमेरिकी दौरे के समय भारतीय अधिकारियों ने ट्रंप प्रशासन के सामने तेल आयात के मुद्दे पर जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा. उन्होंने अपने सुझाव में कहा कि रूस से तेल की खरीद में कटौती के लिए भारतीय रिफाइनर्स को वाशिंगटन की तरफ से ईरान और वेनेजुएला से तेल आयात करने की इजाजत की आवश्यकता होगी. क्योंकि इन दोनों देशों पर इस समय अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हुए हैं. भारत का आक्रामक पक्ष गौरतलब है कि भारतीय अधिकारियों का यह दौरा ऐसे समय हुआ है, जब वाशिंगटन ने नई दिल्ली पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगा रखा है. हालांकि, पेनाल्टी के बावजूद भारत की ओर से रूस से सस्ते तेल की खरीद अभी भी जारी है. न्यूयॉर्क दौरे के समय केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया कि भारत अमेरिका से तेल और गैस की खरीद को बढ़ाना चाहता है. उन्होंने कहा कि हमारी ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों में अमेरिका का बड़ा योगदान रहेगा. गौरतलब है कि यूक्रेन और रूस के बीच 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने मॉस्को से कच्चे तेल की खरीद में जबरदस्त इजाफा किया है. ये भी पढ़ें: अमेरिका-चीन की ट्रेड पॉलिसी से भारत के पूर्व राजदूत ने किया अलर्ट, पाकिस्तान को लेकर कही बड़ी बात

Sep 27, 2025 - 13:06
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रूस से कच्चे तेल का आयात रोकने को भारत तैयार, लेकिन अमेरिका के सामने रखी ये बड़ी शर्त

Russian Crude Imports: भारत के ऊपर अमेरिका की तरफ से इस समय 50 प्रतिशत टैरिफ लगा हुआ है. इनमें से 25 प्रतिशत बेस टैरिफ के अलावा अतिरिक्त 25 प्रतिशत रूस से सस्ता तेल खरीदने की वजह से पेनाल्टी के तौर पर लगाया गया है. ऐसे में भारत ने अमेरिका से कहा है कि अगर वह ईरान और वेनेजुएला से तेल आयात करने की नई दिल्ली को इजाजत दे दे, तो भारत मॉस्को से तेल की खरीदारी बंद कर देगा.

यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस ने सस्ते तेल का ऑफर करना शुरू किया. भारत अपनी जरूरतों का करीब 90 प्रतिशत तेल आयात करता है. ऐसे में रूस से सस्ते दाम पर तेल की खरीद ने भारत को काफी हद तक आयात बिल कम करने में मदद की है.

भारत की यूएस के सामने शर्त

हालांकि, भारत को इसी तरह का सस्ता तेल ईरान और वेनेजुएला से भी मिल सकता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते अमेरिकी दौरे के समय भारतीय अधिकारियों ने ट्रंप प्रशासन के सामने तेल आयात के मुद्दे पर जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा.

उन्होंने अपने सुझाव में कहा कि रूस से तेल की खरीद में कटौती के लिए भारतीय रिफाइनर्स को वाशिंगटन की तरफ से ईरान और वेनेजुएला से तेल आयात करने की इजाजत की आवश्यकता होगी. क्योंकि इन दोनों देशों पर इस समय अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हुए हैं.

भारत का आक्रामक पक्ष

गौरतलब है कि भारतीय अधिकारियों का यह दौरा ऐसे समय हुआ है, जब वाशिंगटन ने नई दिल्ली पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगा रखा है. हालांकि, पेनाल्टी के बावजूद भारत की ओर से रूस से सस्ते तेल की खरीद अभी भी जारी है.

न्यूयॉर्क दौरे के समय केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया कि भारत अमेरिका से तेल और गैस की खरीद को बढ़ाना चाहता है. उन्होंने कहा कि हमारी ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों में अमेरिका का बड़ा योगदान रहेगा. गौरतलब है कि यूक्रेन और रूस के बीच 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने मॉस्को से कच्चे तेल की खरीद में जबरदस्त इजाफा किया है.

ये भी पढ़ें: अमेरिका-चीन की ट्रेड पॉलिसी से भारत के पूर्व राजदूत ने किया अलर्ट, पाकिस्तान को लेकर कही बड़ी बात

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